आधुनिक छत्तीसगढ़ी मराठा शासन कल छत्तीसगढ़ पीएससी
छत्तीसगढ़ में मराठा प्रभुत्व (1741 से 1818 तक)
मराठा शासन के कारण
- रघुजी भोसले की विस्तार वादी नीतियां
- 2 सेनापति भास्कर पंत की महत्वाकांक्षा
- 3 कलचुरी राजवंश का विभाजन
- 4 दोष पूर्ण कलचुरी सैनिक प्रबंध
- 5 मोहन सिंह का षड्यंत्र
- 6 अयोग्य अक्षम अंतिम कलचुरी शासक
मराठा प्रभुत्व
- प्रत्यक्ष भोंसले शासन (1758-1787 )
- सुबा शासन (1787-1818 )
- ब्रिटिश शासन के अधीन मराठा शासन (1818 से 1830)
- पुनः भोंसले शासन (1830 - 1854)
1757 मराठों का छत्तीसगढ़ में प्रत्यक्ष शासन प्रारंभ हुआ भोंसले प्रथम मराठा शासक थे
परगना प्रद्ती का सूत्रपात किया
छत्तीसगढ़ में को 27 परगना में बांटा गया था
1 छत्तीसगढ़ की राजधानी रतनपुर से हटाकर रायपुर को बनाया
परगना प्रद्ती का सूत्रपात किया
छत्तीसगढ़ में को 27 परगना में बांटा गया था
मराठा शासन काल में छत्तीसगढ़ में 27 परगना में बांटा गया था
2 वयोमजी भोंसले (1787 से 1815 )
इन्होंने सूबेदारी प्रथा प्रारंभ की
वयोमजी भोंसले का शासनकाल 1818 तक ( ब्रिटिश शासन से नियंत्रित होने तक रहा )
मराठा शासन काल में ब्रिटिश नियंत्रण 1818 से 1830 तक
मी एकन्यू 1818 से 1825
1 छत्तीसगढ़ की राजधानी रतनपुर से हटाकर रायपुर को बनाया
पुनः घोसला शासन 1830 से 1854
इस काल में रघुजी तृतीय ने
जिलेदार के माध्यम से शासन चला
ब्रिटिश अधीक्षक
1 कैप्टन एडमंड प्रथम ब्रिटिश अधीक्षक था इसे ने छोटा नागपुर क्षेत्र के 5 रियासतो चांगभखार कोरिया सरगुजा उदयपुर और जसपुर को मध्य प्रांत में मिला लिया
यह प्रशासनिक व्यवस्था 1947 तक चली
- रघु जी के सेनापति भास्कर पंचमी उड़ीसा अभियान के दौरान छत्तीसगढ़ में सर्व प्रथम आक्रमण किय
- 1945 रघुनाथ सिंह की मृत्यु होने पर मोहन सिंह को नियुक्त किया गया
- 1758 मोहन सिंह के मिट्ठू प्रांत रघुजी भोसले के पुत्र संभाजी भोसले ने अपना प्रत्यक्ष शासन रतनपुर से प्रारंभ किया
- छत्तीसगढ़ में प्रथम मराठा शासक बाबाजी भोसले के
- छत्तीसगढ़ मराठों ने ही पढ़ना प्रगति लागू किया था
प्रत्यक्ष भोसला शासन
बिंबाजी भोसले (1758 -1787)
प्रमुख कार्य
- रायपुर वह रतनपुर का प्रशासनिक एकीकरण किया
- परगना पद्धति के सूत्रधार थे
- राजनंदगांव वह खुम्जि नामक नई जिम्मेदारी का निर्माण
- रतनपुर के राम टेकरी में भव्य राम मंदिर का निर्माण
- रायपुर के दूधाधारी मठ का पुनर्निर्माण
- विजयदशमी पर्व पर स्वर्ण पत्र देने की प्रथा का प्रारंभ
- मराठी उर्दू गोंडी लिपि का प्रारंभ करवाया
- छत्तीसगढ़ राज्य की संज्ञा दी
- नागपुर से कोई संपर्क नहीं रखते हुए स्वतंत्र शासन किया
- 7 दिसंबर 1 787 बिंबाजी भोसले की मृत्यु हो गई
- पत्नी उमा बाई उनके साथ सती हुई (आधुनिक भारत की प्रथम महिला है जिसे सती हुई)
- 2 सुबह शासन 1787- 1818)
- व्योमजी भोसले ने छत्तीसगढ़ में सुबह शासन की शुरुआत की
- महीपतराम दिनकर प्रथम सूबेदार नियुक्त हुए
महीपतराम दिनकर (1787 -90 )
छत्तीसगढ़ का प्रथम सूबेदार नियुक्त इसी के समय यूरोपीय यात्री फॉरेस्टर छत्तीसगढ़ का आगमनविट्ठलराव दिनकर 1790 96
- छत्तीसगढ़ का दूसरा सूबेदार
- छत्तीसगढ़ में परगना प्रजाति का जन्मदाता
- परगने का प्रमुख कामबिनसदार होता था
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